रीवा. नारी चेतना मंच के 31वें स्थापना दिवस पर नेहरू नगर में सारगर्भित चर्चा और महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित करने के साथ बैठक संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता शैलजा तिवारी ने की। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि बाल विवाह पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाना चाहिए लेकिन लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष को बढ़ाना किसी भी दृष्टि से सही नहीं होगा। बालिग होने पर लड़कियों को यह तय करना है कि उन्हें कब शादी करना है या नहीं। वैसे भी उच्च स्तरीय पढ़ाई एवं बढ़ती बेरोजगारी के चलते शादी के उम्र में बदलाव देखने को मिल रहा है, लेकिन इसके लिए शादी की न्यूनतम उम्र को कानूनी रूप से बदलना शादी के अधिकार पर राज्य का अनुचित हस्तक्षेप होगा।
बैठक में कहा गया कि अस्पतालों में प्रसव कराने के नाम पर हो रही मनमानी लूट के खिलाफ संघर्ष शुरू किया जाएगा। प्राकृतिक तरीके से बच्चों के होने वाले जन्म को सुनियोजित साजिश से रोककर सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चे पैदा कराए जाने की व्यापारिक लूट को बंद कराना होगा। इस दौरान महिला रोजगार की संभावनाओं पर खुली चर्चा की गई और स्त्री शिक्षा को और प्रभावी बनाने की दिशा में भी प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में नारी चेतना मंच के संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे, नारी चेतना मंच की पूर्व अध्यक्ष मीरा पटेल, गीता महंत, इतबरिया चंदेल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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